मोदी हुकूमत वक्फ बोर्ड की संपत्ति को मुसलमानो से छिनना चाहती है: असदुद्दीन ओ

दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब वक्फ बोर्ड एक्ट को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लेने की तैयारी में है। PM मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार मौजूदा वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अब इस योजना पर सबसे पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होने PM मोदी, BJP और RSS के इस इरादे की कड़ी आलोचना कि इसके साथ ही NDA के सबसे मजबूत सहयोगी दल JDU ने भी इसपर अपनी नाराजगी जताई है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ने कहा कि, “केंद्र सरकार ने संसद को इसकी पहले जानकारी देने के बजाय मीडिया में बातें लीक कर रही है। मीडिया में चल रही ख़बर की बातें करें तो मोदी हुकूमत वक्फ बोर्ड की संपती को छिनना चाहती है। जो किसी भी धर्म की आजादी के खिलाफ है। BJP और RSS हमेशा से वक्फ बोर्ड और उसकी संपत्ति के खिलाफ रही है। जरा दुनिए उन्होने क्या कुछ कहा। सांसद ओवैसी ने आगे कहा कि इसके पीछे मोदी सरकारी की मुसलमानो की संपत्ति जो वक्फ बोर्ड के पास है उसे छिनना चाहती है। ये मुसलमानो के खिलाफ बड़ी साजिश है। वे कहते हैं कि कई सारे मस्जिदें और दरगाहें है जिसे RSS बोलता है कि ये मुसलमानो ज़मीन या वक्फ की ज़मीन नहीं है। इस बिल का लाने का उद्देश्य इतना भर है कि मोदी और rss अपनी मनमानी करे। वे आगे कहते हैं कि अगर विवादित ज़मीन है तो अदालत उसे तय करेगा और फैसला करेगा न कि सत्ता शासन। ये मुसलमानो की संपत्ति को छिनने की साजिश है। इसे लेकर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि अगर यह बिल संसद में आता है, तो उन्हें उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन इसका पूरी ताक़त से विरोध करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीयत वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर ख़राब है। केंद्र सरकार नौजवानों को रोजगार नहीं दे पा रही, कुछ नया कर नहीं पा रही, इसलिए वह लोगों को मुद्दों से भटकाने का काम कर रही है। वक्फ की सभी संपत्तियां प्राइम लोकेशन पर आ गई हैं, इसलिए सरकार की निगाहें इन संपत्तियों पर है। सरकार वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। वक्फ से संबंधित बिल लाकर सरकार वक्फ के कानूनों को कमजोर करना चाहती है। वहीं मोदी सरकार के सहयोगी दल के नेता नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि यह उनकी अग्निपरीक्षा होगी। उन्हें तय करना होगा कि वह अल्पसंख्यकों के समर्थन में हैं या विरोध में। इन लोगों ने अपने राज्यों में अल्पसंख्यकों को विश्वास दिलाया था कि वह उनके अधिकारों का संरक्षण करेंगे। । कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने वक्फ एक्ट में संशोधन की खबरों पर मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा , 'वक्फ एक्ट में बदलाव से पहले राय करना बहुत जरूरी है. अभी अफवाह चल रही है और कुछ भी तय नहीं है. ये बिल पहले संसद में रखा जाएगा और उसके बाद हमें उसका मसौदा मिलेगा.' वहीं इसे लेकर। इधर नीतीश की पार्टी ने दी मोदी सरकार को वक्फ बोर्ड से जुड़ा विधेयक लाने से पहले केंद्र को सोचने की नसीहत दे डाली। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र को बिहार की बदलती तस्वीर का अवलोकन करना चाहिए। उन्होने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा बजट सत्र में वक्फ बोर्ड के लिए एक विधेयक लाने की बात रही है। जिसका प्रारूप अभी तक प्राप्त नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि धार्मिक स्थल का विकास निश्चित रूप से अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के शैक्षणिक उन्नयन के लिए होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 100 करोड़ का आवंटन करके देश में नज़ीर पेश किया है। हमारी उम्मीद है कि वक्फ बोर्ड के संबंध में जो भी प्रारूप केंद्र सरकार बनाए, बिहार में इस संबंध में जो तस्वीर बदली है उसका जरूर अवलोकन कर ले।