अस्पताल में शख्स ने बिल भरने के लिए तीन साल के बेटे को बेच दिया

Md Imran I WeeHours News Updated on: September 08, 2024 उत्तर प्रदेश: हॉस्पिटल का बिल चुकाने के लिए हम और आप क्या कर सकते हैं? रुपए कम पड़ने पर किसी से उधार ले सकते हैं. उधार न मिले तो किसी से ब्याज पर ले सकते हैं. ज़मीन या कोई किमती सामान को गिरवी लगा सकते हैं लेकिन जब आपको ये कहें कि हॉस्पिटल का बिल चुकाने के लिए एक व्यक्ति ने अपने दो साल के बेटे को बेच दिया तो आप यकिन करेंगे? शायद आपका जवाब होगा नहीं. दुनियां का कोई शख्स इस बात पर यकिन नहीं करेगा कि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और नवजात बच्चे को स्पताल से डिस्चार्ज कराने के लिए दो साल के अपने सगे बेटे को बेच दिया. आपने बिल्कुल सही सुना. मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर का है जहां एक व्यक्ति को प्राईवेट अस्पताल में भर्ती अपनी पत्नी और नवजात शिशु की छुट्टी कराने के लिए अपना तीन साल का बेटा कथित तौर पर ‘बेचने' के लिए मजबूर होना पड़ा. वहीं आर्थिक तंगी के चलते हताशा में किए गए इस कार्य की आलोचना होने पर स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आई और अब जानकारी मिल रही है कि बच्चे को सुरक्षित बरामद कर उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है. दरअसल मिली जानकारी के अनुसार जिले के बरवा पट्टी निवासी हरीश पटेल ने अपनी पत्नी का Normal delivery कराने के लिए शहर का एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. पटेल एक दिहाड़ी मजदूर हैं. उसने छठी संतान के लिए पत्नी को स्पताल में भर्ती कराया. हालांकि, अस्पताल की फीस भरने में असमर्थ रहने पर जच्चा-बच्चा को अस्पताल से नहीं जाने दिया गया. इसके बाद हरीश पटेल ने रुपए का इंतजाम के लिए सभी जगह भटके, हांथ-पांव मारे लेकिन पैसे जुटा नहीं पाए.. इससे निराश होकर बच्चे के पिता ने शुक्रवार को बच्चा गोद लेने की एक फर्जी समझौते के तहत महज कुछ हजार रुपये में अपने बेटे को बेचने के लिए राजी हो गया. यह बात आग की तरह फैल गई. बात पुलिस तक पहुंची, फिर वे हरकत में आ गई. इसे लेकर पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि इस घटना की जानकारी मिलने पर. पुलिस ने जांच शुरू की और इस अपराध में शामिल बिचौलिया अमरेश यादव समेत पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए लोगों में बच्चा गोद लेने वाले दंपति- भोला यादव और उसकी पत्नी कलावती, एक फर्जी डाक्टर तारा कुशवाहा और अस्पताल में कार्यरत कर्मी सुगंती शामिल हैं. इस घटना पर कार्रवाई करने में कथित रूप से विफल रहने वाले एक पुलिस कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है. मिश्रा ने आगे बताया, “बच्चे को सुरक्षित बरामद कर उसके माता पिता को सौंप दिया गया है.” स्थानीय लोगों के मुताबिक, हरीश पटेल दैनिक श्रमिक है और नवजात शिशु उसकी छठी संतान है.