सुपौल : नेपाल से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण इस समय बिहार के कई जिले विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहे हैं. बाढ ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है. इसी दौरान सुपौल जिले के कई गांव जलमग्न हो गए हैं. जहां सरकार का भी राहत बचाव जारी है. बिहार के लगभग 16 ज़िले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. जहां बचाव कार्य के लिए सरकार ने 40 NDRF और SDRF की टीम, 36 नाव, जगह जगह पर सामुदायिक किचन और राहत सामग्री पैकैज का इंतेजाम किया गया है. इसे देखते हुए जमीअतुल कासिम दारुल उलूम अल-इस्लामिया की टीम भी सहायता मुहैया करने के लिए जुट गई है। प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन करने के साथ जरूरतमंद लोगों में भोजन बांटना शुरू कर दिया गया है। बाढ़ से प्रभावित लोगों तक भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। इस नेक काम को मौलाना सगीर अहमद मिफ्ताही, कारी मुश्ताक अहमद उस्मानी, हाफिज मोहम्मद गुलफराज, शमीम अहमद निज़ामी और नियाज़ अहमद इस राहत पहल को अंजाम दे रहे हैं। जामिया के कार्यवाहक निदेशक, कारी जफर इकबाल मदनी ने शुभचिंतकों और मुस्लिम उम्मा से आगे बढ़कर इस मानवीय मिशन का समर्थन करने का आग्रह किया है, और संकट में फंसे लोगों की सहायता करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया है। मुफ्ती मोहम्मद अंसार कासमी ने जमीअतुल कासिम के संस्थापक, स्व० हजरत मौलाना मुफ्ती महफूजुर रहमान उस्मानी की विरासत पर विचार किया, और कहा कि हजरत जो संकट में रहते थे उन्हैं हमेशा मदद किया करते थे. उनका मिशन शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ समाज की सेवा करना था और यह नेक प्रयास, इंशाअल्लाह, आगे भी जारी रहेगा।