56 साल बाद कोसी बैराज के खोले गए सभी 56 फाटक, अलर्ट जारी

Md Imran I WeeHours News Updated on: September 29, 2024 बिहार: नेपाल के तराई और उत्तर बिहार में लगातार हो रही बारिश की वजह से राज्य के 13 जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. जिससे कोसी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण कोसी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. बता दें कि कोसी बराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर 12 बजे तक कोसी बराज पर 05 लाख 07 हजार 690 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है. पानी के दबाव को देखते हुए बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं. नदी में इतना पानी 56 साल बाद आया है. इससे पहले 1968 में नदी से इस प्रकार पानी छोड़ा गया था. जहां सबसे अधिक फ्लो से सिर्फ 1 लाख क्यूसेक कम है. इसे लेकर तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी दो से तीन फीट तक लोगों के घर-आंगन में फैल गया है। पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर कुल 5 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हुआ है। जिसमें ढोली और बनैनिया पंचायत मुख्य रूप से और लोकहा, भपटियाही, सरायगढ़ पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है। वहीं बाढ़ से प्रभावित पंचायतो की आबादी 30 हजार से अधिक बताई जा रही है। कोसी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण कोसी रौद्र रूप में है, कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोले जाने का बाद कोसी बराज की तस्वीर काफी भयावह लग रही है। चुकी कोसी का पानी पुल को छूने के लिए बेताब है। लिहाजा लोग खौफ में है। हालांकि कोसी के बढ़ते जल स्तर को लेकर सुपौल सहीत कई जिले में हाई अलर्ट किया गया है और अभियंताओं की कई टीम कोसी तटबंध और स्पर की लगातार मॉनीटरिंग कर रही है। इसे लेकर सुपौल डीएम कौशल कुमार खुद कई स्परों और तटबंध का निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान जिला प्रसाशन द्वारा कोसी तटबंध के अंदर रह रहे लोगों से बाहर निकल जाने की अपील की जा रही है। इसको लेकर लगातार माइकिंग किया जा रहा है। लोगों से ऊंचे स्थान पर सरन लेने का निर्देश दिया जा रहा है। इधर लगातार कोसी के जलस्तर में इजाफा होने से आम लोग भी दहशत में है। इसके साथ ही जिला प्रसाशन सतर्क है। बाढ़ आश्रम स्थल भपटियाही में बाढ़ से प्रभावित करीब एक हजार लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की गई है। वही पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर और बाहर उच्चे स्थान पर 6 जगहो पर कम्युनिटी किचेन रविवार से प्रारंभ किया जाएगा। बाढ़ से प्रभावित परिवारों के बीच पॉलीथिन शीट वितरण किया जा रहा है। पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर विभिन्न घाटों पर 15 गोताखोर और 49 नाव की व्यवस्था की गई है। सरकारी स्तर पर बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। इंजीनियरों की टीम द्वारा पूर्वी कोसी तटबंध की सतत निगरानी बरती जा रही है। वही बाढ़ आश्रय स्थल भपटियाही में मेडिकल टीम की भी व्यवस्था की गई है। नेपाल में नदियों के ऊफान को देखते हुए बिहार में जल संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी किया है. बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र, पटना के अनुसार, गंडक बराज और वीरपुर स्थित कोशी बराज से 6 लाख क्यूसेक से अधिक छोड़े जाने की संभावना जतायी गयी थी. इसे लेकर कई जिलों को अलर्ट किया गया है. अधिकारियों को आगामी 48 घंटों तक संवेदनशील/ अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैम्प करने का निदेश दिया गया है. जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने आठ जिलों के डीएम और एसपी को पत्र लिखकर अलर्ट किया है. जिसमें सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार के डीएम व एसपी समेत नवगछिया एसपी को भी पत्र लिखकर आगाह किया है कि नेपाल में हुई जोरदार बारिश से कोसी नदी उफनाई हुई है. कोसी के जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की संभावना है. जिससे तटबंधों पर अधिक दबाव पड़ सकता है और कटाव, फ्लैश फ्लड आदि की संभावना हो सकती है. तटबंध के नदी भाग में रह रहे लोगों को इसकी सूचना देते हुए उचित कार्रवाई करने और जिलास्तर पर गठित दल से लगातार गश्ती कराने का निर्देश दिया गया है.