नई दिल्ली : गूगल की अनचाही गलतियों की वजह से कुछ ऐंड्रॉयड स्मार्टफोनों में आधार के हेल्पलाइन नंबर सेव होने पर मचे विवाद के कारण यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि "इसका डेटा चोरी या हैकिंग" से कोई लेना देना नहीं है। UIDAI ने न सिर्फ बयान जारी किया बल्कि सिलसिलेवार ढंग से ट्विटर पर ट्वीट कर बताया कि गुगल की गलती का फायदा कुछ स्वार्थी तत्व के लोग उठा रहे हैं और आधार के खिलाफ सोशल मीडिया पर डर का माहौल बना रहे हैं। और इस तरह का माहोल पैदा करने वालों की UIDAI निंदा करता है।
UIDAI ने आगे कहा कि आधार का विरोध करने वाले ताक में था कि कब कोई ग़लती हो और उस गलती का इस्तेमाल आधार के खिलाफ लोगों में डर पैदा कर सकें । और गूगल की एक गलती ने उनके हौसलों में उडान भर दिया । हेल्पलाइन नंबर से कोई केसे डेटा चुरा सकता है । अथॉरिटी ने कहा कि ट्विटर और वॉट्सऐप जैसे कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह अफवाह फैलाया जा रहा है कि यह नंबर (ऐंड्रॉयड फोन में सेव आधार हेल्पलाइन नंबर) नुकसान पहुंचा सकता है और इससे आधार डेटा चोरी हो सकता है, लिहाजा हेल्पलाइन नंबर को तुरंत डिलीट किया जाना करें । उन्हों ने कहा कि सिर्फ हेल्पलाइन नंबर से डेटा चोरी नहीं हो सकता, इसलिए नंबर को डिलीट करने की जरूरत नहीं है।
UIDAI ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह के फैलाए गए संदेश झूठे हैं और कुछ लोग स्वार्थवश गूगल की इस गलती का इस्तेमाल आधार के खिलाफ झूठी सूचनाएं फैलाने और लोगों को डराने के लिए कर रहे हैं। अथॉरिटी ने कहा कि सिर्फ हेल्पलाइन नंबर और वह भी पुराने है, जिससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो सकता। सिर्फ मोबाइल की कॉन्टैक्ट लिस्ट में हेल्पलाइन नंबर होने से फोन के डेटा को चोरी नहीं किया जा सकता।
अथॉरिटी ने अपने बयान में कहा घबराकर या डरकर नंबर को डिलीट करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे कोई नुकसान नहीं होगा। आगे लोगों को यह भी सुझाव दिया कि चाहे तो UIDAI के पुराने हेल्पलाइन नंबर को अपडेट कर नए हेल्पलाइन नंबर 1947 को सेव कर सकते हैं। गूगल ने खुद सफाई दी है कि 2014 में उसने UIDAI के पुराने हेल्पलाइन नंबर 18003001947 को गलती से पुलिस/फायर ब्रिगेड के नंबर 112 के साथ सेव किया था। इसके लिए गूगल ने खेद भी जताया है। आपका डेटा सेफ और सुरक्षित है इसलिए घबराए नहीं और अफ़वाहों से दूर रहें : UIDAI