
MD IMRAN I WeeHours News
दिल्ली : 2022 का समय था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस वक्त गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनावी प्रचार प्रसार में मग्न थे. तभी दिल्ली से तत्कालिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात पहुच गए. और दिल्ली की तर्ज पर अपने चुनावी मेनिफेस्टो में बिजली, पानी, बसें फ्री का जिक्र किया. बात पीएम मोदी तक पहुंची. जहां उन्होंने पहली बार केजरीवाल पर भरे मंच से जबर्दस्त हमला करते हुए कहा था, "आजकल हमारे देश में मुफ़्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की भरसक कोशिश हो रही है. ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है. देश के लोगों को और ख़ासकर मेरे युवाओं को बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है."
PM मोदी की उस बयान के बाद नेशनल चैनल पर कई दिनों तक फ्री की रेवड़ी जैसे शब्दों को लेकर बहस चली. आज उस बयान को लगभग 3 बीत गए. लेकिन शायद वक्त ने अब करबट ले लिया है. जिस ग्रह मंत्री की अगुआई में पीएम मोदी ने उस बयान को दिया था आज उसी ग्रह मंत्री ने दिल्ली में मुफ़्त की रेवड़ी का ऐलान कर दिया है. अब दिल्ली में मानो मुफ्त की रेवड़ी की होड़ सी लग गई है. पहले आप, फिर कॉग्रेस और अब बीजेपी. ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में चुनाव नहीं जबकि लोगों को सरकार पर आश्रित रहने अर्थात सरकार की गुलाम बनाने का फुल योजना बना लिया गया है. कल तक कम मे कम BJP ही एक एसी पार्टी जो इस कुप्रचलन के खिलफ थी, लेकिन शायद कहीं से इसकी फायदे का दिल्ली भाजपा को पता चल गया और 2-4 नहीं जबकी एक के बाद दर्जन भर से अधीक फ्रि की रेवड़ी वाले लालच अपने चुनावी मेनिफेस्टो डाल लिये. आपको आगे तीनों पार्टीयों के इस “मुफ्त की मेनिफेस्टो” को एक
एक बतायेंगे लेकिन इससे पहले आम लोगों की आवाज को दवाने की जो कवायद शुरू की गई है या जाने वाली है कुछ उसपर बातें कर लेते हैं.
2024 के आंक़ड़े के अनुसार दिल्ली में 4.6 प्रतिशत पुरुष और 4.8 प्रतिशत महिला बेरोजगार है. हालांकि बाकि राज्यों से बेहतर है वो इसलिये क्योंकि यहां चारों ओर कम्पनीयां हैं लेकिन ये जो आंकड़े हैं बेहद डरावने हैं. दिल्ली की पुरी जनसंख्यां है लगभग 3.5 करोड़ उनमें से अगर 4.6 प्रतिशत पुरुष बेरोजगार है तो इसका मतलब हुआ 16 लाख पुरुष और 4.8 प्रतिशत महिला बेरोजगार हूआ अर्थात 16 लाख 80 हजार महिलायें बेरोजगार है. यानि इस फ्री की रेवड़ी में फंसकर लोग सरकार से इस रोजगार के बारे में सवाल नहीं पुछ पायेंगे क्योंकि वोट तो लालच में दिया गया. अब बातें करते हैं महिलाऔं और नागरिकों की सुरक्षा की. महिलाऔं के लिये दिल्ली सबसे असुरक्षित शहरों में एक है. 2023 के NCRB आंकड़ों के अनुसार यहां हर दिन कम से कम 3 मामले रेप के रजिस्टर होते हैं. जबकि वो आंकड़े बिल्कूल नहीं है जो रजिस्टर नहीं होते. बिते दिनों अरविंद केजरीवाल ने केन्द्र सकरकार को घेरते हुए दावा किया था कि दिल्ली में हर दिन 10 महिलाओं का अपहरण होता है. बांकि घरेलू हिंसा के आंकड़े को छोड़ीये. इस फ्री की रेवड़ी के बाद कोई भी इसपर सवाल नहीं उठा पायेंगे. इसी प्रकार बढती मंहगाई, विस्तापित हो रहे उद्योग और व्यपार पर कोई सवाल नहीं पुछेगा. रोड, सीवर, गली, टैक्स, शिक्षा, अस्पताल और अन्य सुविधाऔं पर भी सवाल नहीं पुछेगा क्योंकि चुनाव का रिजल्ट आते ही जिस किसी पार्टी की सरकार बनती है वे मानकर चलेंगे की जंताऔं ने ते हमें चुना है फ्री की रेवड़ी पर. तो फेकस भी वहीं होना चाहिये. इससे आम लोगों का जुबान सिल जायेगा इसलिए किसी भी प्रकार का लालच में न पड़ें जो आपके हित के लिये, उन्नती के लिये सोच रहें हैं उसे चुनें.